गुरुवार, 14 मार्च 2024

कैंसर cancer

 कैंसर

कैंसर शब्द लैटिन के "क्रॉब शब्द" से बना है जिसका अर्थ है केकड़ा यह जीव देखनेमें छोटा होता है लेकिन दिखता बहुत खतरनाक है 



कैंसर भी केकड़े की भांति एक छोटी सी गांठ से ही प्रारंभ होता है परंतु यह तेजी से प्रारंभ होता है और बहुत तेजी से विकराल रूप धारण कर लेता है इसका नाम सुनकर के शरीर कांप जाती है कैंसर रोग अभी तक और शादी ही माना जाता है क्योंकि अभी तक इसका पूरी तरह से उपचार ढूंढा नहीं जा सका है एक बार अगर एक अंग कैंसर से ग्रसित हो जाता है तो कैंसर ग्रस्त कोशिकाएं अन्य अंगों पर भी अपना आक्रमण करके उन्हें कैंसर से ग्रसित बना देती हैं यही कारण है कि कैंसर को असाध्य कहा गया है यह एक ऐसी पीड़ा देने वाली गांठ है जो कि शरीर के किसी भी कमजोर स्थान में विशेष कर होठ , जीभ ,स्तन पाक स्थली ,हाथ ,गर्भाशय इत्यादि जगहों पर होता है कैंसर से पीड़ित रोगियों की रोग से लड़ने की शक्ति समाप्त हो जाती है रोगी का शरीर पीला हो जाता है उल्टी होने लगती है कई बार आवाज परिवर्तित हो जाती है नकुल कल या नीले हो जाते हैं कैंसर है या नहीं इस रोग की जांच के लिए कैंसर प्रभावित अंग का बायोप्सी टेस्ट किया जाता है तो इस प्रकार से यह सब कैंसर के रोग कारण लक्षण इस तरह से पाए जाते हैं

कैंसर का उपचार 

कैंसर जैसी बीमारी को ठीक करने के लिए लोगों ने बहुत सारे उपचार किए हैं आधुनिक चिकित्सा पद्धति में कैंसर जिस जगह पर होता है उसका या तो ऑपरेशन करते हैं या वहां पर कीमो या रेडिएशन थेरेपी दी जाती है परंतु इससे भी अभी तक सफलता नहीं मिल पाई है प्राकृतिक या आयुर्वेदिक चिकित्सा में कुछ औषधीय हैं आयुर्वेद में कैंसर की बीमारी को ठीक करने या उसे खत्म करने के लिए लंघन परम औषधि बताया गया है जहां पर हम अपने शरीर को हीलिंग यानी कि जो विकृति है उसे ठीक करने के लिए उपवास पर रखते हैं और साथ में हमारे शरीर की जो शक्ति है वह छेड़ ना होने पाए इसका ध्यान रखने के साथ-साथ शरीर को पूर्ण पोषण भी मिल सके उसका भी ध्यान रखना आवश्यक होता है तो इस तरीके से अगर किया जाता है तो कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी को ठीक किया जा सकता है जिसमें हमें कई तरह से इस चीज को मेंटेन करने की जरूरत होती है

कैंसर जैसी बीमारी को ठीक करने के लिए संपर्क करें डॉक्टर पवन मिश्रा

+919953208237

विकास पूरी न्यू दिल्ली 110018

इंडिया

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